तीतुस के रूपरेखा I. परिचय 1:1-4 उ. लेखक 1:1-3 ख. संबोधक 1:4 II. प्राचीन सभक संबंध मे निर्देश 1:5-9 तृतीय। झूठा शिक्षक के संबंध में निर्देश 1:10-16 उ. झूठा शिक्षक 1:10-12 के पहचान केलक ख. तीतुस 1:13-14 के कर्तव्य ग. झूठ गुरु लोकनि 1:15-16 के निंदा केलनि IV. में समूह के संबंध में निर्देश कलीसिया 2:1-10 उ. वृद्ध पुरुष आ महिला 2:1-5 ख. युवक 2:6-8 ग. सेवक 2:9-10 V. ईश्वरीय जीवन के ईश्वरीय आधार 2:11-15 उ. अनुग्रहक एपिफेनी (प्रकट होयब) 2:11 ख. शिक्षा कृपा 2:12 दैत अछि ग. एपिफेनी (महिमा के प्रकट होना) 2:13-15 VI. ईश्वरीय जीवन के संबंध में निर्देश 3:1-11 उ. विधर्मी के प्रति मसीही आचरण 3:1-8 ख. पाखण्ड के प्रति ईसाई प्रतिक्रिया आ पाखण्डी 3:9-11 VII. निष्कर्ष ३:१२-१५ उ. व्यक्तिगत निर्देश 3:12-14 ख. आशीर्वाद 3:15