भजन
125:1 जे सभ प्रभु पर भरोसा करैत अछि, ओ सियोन पहाड़ जकाँ होयत, जे नहि भ’ सकैत अछि
हटा देल गेल, मुदा अनन्त काल धरि रहैत अछि।
125:2 जेना यरूशलेमक चारूकात पहाड़ अछि, तहिना प्रभु चारू कात छथि
आब सँ ओकर लोक अनन्त काल धरि।
125:3 किएक तँ दुष्टक छड़ी धर्मी लोकक भाग्य पर नहि रहत।
कहीं धर्मी लोकनि अधर्मक लेल हाथ नहि बढ़ाबथि।
125:4 हे प्रभु, नीक आ सोझ लोकक लेल नीक करू
हृदय मे।
125:5 जे सभ अपन टेढ़ बाट पर मुड़ि जायत, तकरा सभक लेल परमेश् वर नेतृत्व करताह
ओ सभ अधर्मक काज करनिहार सभक संग आगू बढ़ि जायत, मुदा इस्राएल पर शान्ति होयत।