भजन 23:1 प्रभु हमर चरबाह छथि। हमरा कमी नहि होयत। 23:2 ओ हमरा हरियर चारागाह मे सुताबैत छथि, हमरा ओहि ठाम लऽ जाइत छथि एखनो पानि। 23:3 ओ हमर प्राण केँ पुनर्स्थापित करैत छथि, ओ हमरा धर्मक बाट पर ल’ जाइत छथि, कारण ओकर नामक लेल। 23:4 हँ, भले हम मृत्युक छायाक घाटी मे चलब, मुदा चलब अधलाह सँ नहि डेराउ, किएक तँ अहाँ हमरा संग छी। तोहर छड़ी आ तोहर लाठी ओ सभ सान्त्वना दैत अछि हम. 23:5 अहाँ हमर शत्रु सभक सोझाँ हमरा सोझाँ एकटा टेबुल तैयार करैत छी हमर माथ पर तेल लगाउ। हमर प्याला दौड़ि जाइत अछि। 23:6 हमरा जीवन भरि नीक आ दया हमरा पाछाँ चलत परमेश् वरक घर मे अनन् त काल धरि रहताह।