लोकोक्ति के रूपरेखा I. परिचय 1:1-7 उ. शीर्षक 1:1 ख. उद्देश्य 1:2-6 ग. आदर्श वाक्य 1:7 II. एकटा पिताक बुद्धिक वचन 1:8-9:18 उ. पापी लोभ बनाम बुद्धि के निहोरा 1:8-33 ख. के शर्त एवं लाभ बुद्धि 2:1-22 ग. भगवान् के साथ सही संबंध, 1999। मनुष्य, आ बुद्धि 3:1-35 D. प्रधान बात के रूप में बुद्धि 4:1-9 ई. दुष्ट मार्ग आ न्यायी पथ 4:10-19 च पूर्ण आध्यात्मिक स्वास्थ्य 4:20-27 जी व्यभिचार स बचब 5:1-23 एच. प्रतिज्ञा, आलस्य, आ दुष्टता 6:1-19 I. व्यभिचारक बर्बादी 6:20-35 जे दू टा महिलाक आह्वान : द वेश्या आ बुद्धि 7:1-8:36 के उपसंहार: बुद्धि बनाम मूर्खता 9:1-18 तृतीय। सुलेमान 10:1-22:16 के कहावत IV. ज्ञानी लोकनिक वचन 22:17-24:34 उ. भाग एक 22:17-24:22 ख. भाग दू 24:23-24:34 वि. सुलेमान के अतिरिक्त कहावत (हिजकिय्याह के संग्रह) 25:1-29:27 VI. अगुर ३०:१-३३ के वचन VII. लेमूएल ३१:१-९ के वचन आठम। ए-जेड 31:10-31 स सही पत्नी