१ शमूएल
29:1 पलिस्ती सभ अपन सभ सेना केँ आफेक मे जमा कऽ लेलक
इस्राएली सभ एकटा फव्वारा लग खसौलनि जे यिजरेल मे अछि।
29:2 पलिस्तीक मालिक सभ सैकड़ों-सकड़ू आ ओहि ठाम सँ गुजरैत गेलाह
हजारो लोक, मुदा दाऊद आ ओकर आदमी सभ अकीशक संग इनाम मे आगू बढ़ि गेल।
29:3 तखन पलिस्तीक राजकुमार सभ कहलथिन, “ई इब्रानी सभ एतय की करैत छथि?”
अकीश पलिस्तीक मुखिया सभ केँ कहलथिन, “की ई दाऊद नहि?
इस्राएलक राजा साउलक सेवक जे हमरा संग ई सभ छल
दिन, वा ई साल, आ जहिया सॅं ओ खसलाह, हमरा हुनका मे कोनो दोष नहि भेटलनि
आइ धरि हमरा लग?
29:4 पलिस्तीक मुखिया सभ हुनका पर क्रोधित भ’ गेलाह। आ राजकुमार लोकनि
पलिस्तीक लोक सभ हुनका कहलथिन, “एहि संगी केँ घुरि कऽ जाउ।”
फेर ओहि स्थान पर जाउ, जकरा अहाँ ओकरा नियुक्त केने छी, आ ओकरा नहि जाय दियौक।”
हमरा सभक संग युद्ध मे उतरि जाउ, जाहि सँ युद्ध मे ओ हमरा सभक विरोधी नहि बनि जाय
अपन मालिकक संग कोन तरहेँ मेल मिलाप करथि? नहि हेबाक चाही
एहि लोक सभक माथक संग?
29:5 की ई दाऊद नहि, जिनका बारे मे ओ सभ एक-दोसर केँ नाच मे गाबि क’ गबैत छलाह।
साउल अपन हजार लोक केँ मारलनि, आ दाऊद अपन दस हजार केँ?
29:6 तखन अकीश दाऊद केँ बजा कऽ कहलथिन, “सत्ते परमेश् वर जीबैत छथि।
अहाँ सोझ रहलहुँ आ हमरा संग अहाँक बाहर निकलब आ भीतर आबि गेलहुँ
सेना हमरा नजरि मे नीक अछि, कारण तहिया सँ हमरा अहाँ मे कोनो अधलाह नहि भेटल
तोहर अयबाक दिन हमरा लग आइ धरि अछि
अहाँक अनुग्रह नहि करू।
29:7 तेँ आब घुरि जाउ आ शान्तिपूर्वक जाउ, जाहि सँ अहाँ प्रभु सभ केँ नाराज नहि करू
पलिस्ती के।
29:8 दाऊद अकीश केँ कहलथिन, “मुदा हम की केलहुँ?” आ तोरा की अछि
जाबत धरि हम आइ धरि अहाँक संग छी, अहाँक सेवक मे भेटल।
जाहि सँ हम अपन प्रभु राजाक शत्रु सभ सँ लड़य नहि जा सकब?
29:9 अकीश दाऊद केँ उत्तर देलथिन, “हम जनैत छी जे अहाँ हमर मे नीक छी।”
दृष्टि, परमेश् वरक स् वर्गदूत जकाँ
पलिस्ती सभ कहने अछि जे, “ओ हमरा सभक संग युद्ध मे नहि जायत।”
29:10 तेँ आब भोरे-भोर अपन मालिकक नोकर सभक संग उठू
जे सभ अहाँ सभक संग आबि गेल छी।
आ इजोत अछि, विदा भ’ जाउ।
29:11 तखन दाऊद आ ओकर आदमी सभ भोरे उठि कऽ घुरि कऽ विदा भऽ गेलाह
पलिस्तीक देश मे। पलिस्ती सभ ओहि ठाम चलि गेलाह
यिजरेल।