जकर्याह
5:1 तब मैं ने फिरकर आंखें उठाईं, और क्या देखा, कि कोई उड़ रहा है
घूमना।
5:2 और उस ने मुझ से कहा, तू क्या देखता है? और मैंने उत्तर दिया, मुझे एक उड़ता हुआ दिखाई देता है
घूमना; उसकी लम्बाई बीस हाथ और चौड़ाई दस हाथ की है
हाथ।
5:3 तब उस ने मुझ से कहा, यह वह श्राप है जो मेरे मुंह पर उतरता है
सारी पृय्वी पर से: क्योंकि जो कोई चोरी करता है, वह वैसे ही नाश किया जाएगा
इसके अनुसार यह पक्ष; और जो कोई शपथ खाए वह नाश किया जाए
उसके अनुसार उस तरफ।
5:4 सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, मैं उसको निकालूंगा, और वह प्रवेश करेगा
चोर के घर में, और झूठी शपथ खानेवाले के घर में
मेरे नाम से: और वह उसके भवन के बीच में रहे, और रहेगा
लकड़ी और पत्थरों समेत उसको भस्म कर देना।
5:5 तब जो दूत मुझ से बातें करता या, उसने निकलकर मुझ से कहा, उठ, खड़ा हो
अब अपनी आंखों से देख, यह क्या है जो निकल रहा है।
5:6 और मैं ने कहा, यह क्या है? उस ने कहा, यह तो एपा निकला है।
फिर उस ने कहा, यह तो सारी पृय्वी पर उनका सादृश्य है।
5:7 और क्या देखता हूं, कि सीसे की किक्कार उठी हुई है; और यह स्त्री है
जो एपा के बीच में विराजमान रहे।
5:8 उस ने कहा, यह तो दुष्टता है। और उसने उसे बीच में डाल दिया
एपा; और उस ने सीसे के बोझ को उसके मुंह पर डाल दिया।
5:9 तब मैं ने आंखें उठाई, और क्या देखा, कि दो निकले
महिलाएं, और उनके पंखों में हवा थी; क्योंकि उनके जैसे पंख थे
लगलग के पंख: और उन्होंने एपा को पृय्वी और आकाश के बीच में उठाया
स्वर्ग।
5:10 तब मैं ने उस दूत से जो मुझ से बातें करता या, कहा, थे कहां उठा ले जाते हैं
एपा?
5:11 और उस ने मुझ से कहा, कि शिनार देश में उसका एक भवन बनाना, और वह
स्थापित किया जाएगा, और वहां अपने स्वयं के आधार पर स्थापित किया जाएगा।