जकर्याह 3:1 और उस ने मुझे यहोशू महायाजक को उस दूत के साम्हने खड़ा हुआ दिखाया यहोवा, और शैतान उसका विरोध करने के लिए उसके दाहिने हाथ खड़ा है। 3:2 और यहोवा ने शैतान से कहा, हे शैतान यहोवा तुझे डांटे; और भी यहोवा जिसने यरूशलेम को चुन लिया है, वह तुझे घुड़के: क्या यह लुटी हुई लुकनी नहीं है आग से बाहर? 3:3 यहोशू मैले वस्त्र पहिने हुए दूत के साम्हने खड़ा हुआ। 3:4 उस ने उत्तर दिया, और उन से जो उसके साम्हने खड़े थे कहा, लो मैले वस्त्र उस से दूर करो। उस ने उस से कहा, देख, मेरे पास है तेरा अधर्म तुझ से दूर हुआ, और मैं तुझे पहिनाऊंगा वस्त्र परिवर्तन। 3:5 तब मैं ने कहा, वे उसके सिर पर सुन्दर पगड़ी बान्धेंगे। इसलिए उन्होंने मेला लगाया उसके सिर पर पगड़ी बाँधी, और उसे वस्त्र पहिनाए। और के दूत यहोवा खड़ा रहा। 3:6 और यहोवा के दूत ने यहोशू से चिताकर कहा, 3:7 सेनाओं का यहोवा योंकहता है; यदि तू मेरे मार्गों में चलेगा, और यदि तू मेरी आज्ञा को मानना, तो मेरे भवन का न्याय करना, और करना भी मेरे आँगनों की रक्षा करना, और मैं तुझे इनके बीच चलने फिरने के स्थान दूँगा समर्थन करना। 3:8 अब, हे यहोशू महायाजक, तू और तेरे बैठनेवाले संगी सुन ले तेरे साम्हने: क्योंकि वे लोग आश्चर्य करते हैं; क्योंकि देख, मैं ले आऊंगा आगे मेरे सेवक शाखा। 3:9 क्योंकि देखो, वह पत्थर जो मैं ने यहोशू के साम्हने रखा है; एक पत्थर पर सात आंखें होंगी; सेनाओं का यहोवा, और मैं उस देश का अधर्म एक ही में दूर करूंगा दिन। 3:10 उस समय सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है, कि तुम अपके अपके को बुलाओगे पड़ोसी बेल और अंजीर के पेड़ के नीचे।