स्तोत्र
110:1 यहोवा ने मेरे प्रभु से कहा, मेरे दाहिने हाथ बैठ, जब तक मैं बनाऊं
तेरे शत्रु तेरे चरणों की चौकी।
110:2 यहोवा तेरे पराक्रम का राजदण्ड सिय्योन से भेजेगा;
तेरे शत्रुओं के बीच में।
110:3 तेरी प्रजा तेरी शक्ति के दिन में, उसकी शोभा के अनुसार प्रसन्न होगी
भोर के गर्भ से पवित्रता: तेरी जवानी की ओस तुझ पर है।
110:4 यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा, कि तू युगानुयुग याजक है
मलिकिसिदक के आदेश के बाद।
110:5 यहोवा तेरी दहिनी ओर होकर अपके दिन में राजाओं पर प्रहार करेगा
क्रोध।
110:6 वह अन्यजातियों में न्याय करेगा, और उनके स्यान मरे हुओं से भर देगा
निकायों; वह बहुत से देशों के सिरों पर चोट करेगा।
110:7 वह मार्ग ही के नाले में से पीएगा; इसलिथे वह नदी को ऊंचा करेगा
सिर।