स्तोत्र
95:1 आओ, हम यहोवा के लिये गाएं; हम यहोवा का जयजयकार करें
हमारे उद्धार की चट्टान।
95:2 आओ, हम धन्यवाद करते हुए उसके साम्हने आएं, और आनन्द करें
भजन के साथ उसके लिए शोर।
95:3 क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है, और सब देवताओं से बड़ा राजा है।
95:4 उसके हाथ में पृय्वी के गहिरे स्थान, और पहाडिय़ोंकी शक्ति हैं
उसका भी है।
95:5 समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल को उसी ने बनाया।
95:6 आओ, हम दण्डवत करें और दण्डवत करें; हम अपके यहोवा के साम्हने घुटने टेकें
निर्माता।
95:7 क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है; और हम उसकी चराई की प्रजा, और भेड़ें हैं
उसके हाथ की। आज यदि तुम उसकी वाणी सुनोगे,
95:8 अपके मन को कठोर न करो, जैसा कि प्रकोप के समय और के दिन के समान है
जंगल में प्रलोभन:
95:9 जब तुम्हारे पुरखाओं ने मुझे परखा, और मुझे परखा, और मेरे काम को देखा।
95:10 चालीस वर्ष तक मैं इस पीढ़ी के लोगों से उदास रहा, और कहा, यह एक है
जो लोग अपके मन में भटके हुए हैं, और उन्होंने मेरे मार्गोंको नहीं पहिचाना;
95:11 उन से मैं ने अपक्की जलजलाहट की शपय खाई, कि वे मेरे विश्राम में प्रवेश करने न पाएंगे।