जोनाह
3:1 फिर यहोवा का यह वचन दूसरी बार योना के पास पहुंचा,
3:2 उठकर उस बड़े नगर नीनवे को जा, और उस में प्रचार कर
यह उपदेश देते हुए कि मैं तुमसे बोली लगाता हूँ।
3:3 तब योना उस वचन के अनुसार उठकर नीनवे को गया
भगवान। नीनवे तीन दिन की यात्रा का एक बहुत बड़ा नगर था।
3:4 योना नगर में प्रवेश करने के एक दिन के मार्ग पर पहुंचा, और चिल्लाया,
और कहा, चालीस दिन के बीतने पर नीनवे उलट दिया जाएगा।
3:5 तब नीनवे के लोगों ने परमेश्वर की प्रतीति की, और उपवास का प्रचार किया, और बन्ध गए
बड़े से लेकर छोटे से छोटे तक टाट ओढ़े हुए हैं।
3:6 यह समाचार नीनवे के राजा के पास पहुंचा, और वह अपके सिंहासन पर से उठ खड़ा हुआ।
और अपना राजकीय ओढ़ना उतारकर टाट ओढ़कर बैठ गया
राख में।
3:7 और उसने नीनवे के द्वारा उसका प्रचार और प्रचार करवाया
राजा और उसके रईसों की यह आज्ञा, कि न तो मनुष्य और न पशु,
न गाय-बैल, न भेड़-बकरी, किसी वस्तु को चखो; वे न चरें, और न पानी पीए।
3:8 परन्तु मनुष्य और पशु दोनों टाट ओढ़ें, और ऊंचे स्वर से दोहाई दें
परमेश्वर: हां, वे हर एक अपने बुरे मार्ग से, और अपके बुरे मार्ग से फिरें
हिंसा जो उनके हाथ में है।
3:9 कौन कह सकता है कि परमेश्वर फिरेगा, और पछताएगा, और अपक्की प्रचण्ड चाल से फिरेगा?
क्रोध, कि हम नाश नहीं होते?
3:10 और परमेश्वर ने उनके कामोंको देखा, कि वे अपक्की बुरी चाल से फिर गए हैं; और भगवान
बुराई के लिए पश्चाताप किया, कि उसने कहा था कि वह उनके साथ करेगा; और
उसने ऐसा नहीं किया।